श्री सप्तदेव मंदिर।

स्थान

श्री सप्तदेव मंदिर, सीतामणी रोड, कोरबा, छत्तीसगढ़।

आध्यात्मिक विकास

हम आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ आपको आत्मानुभूति, ज्ञान, और आंतरिक शांति के प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते है।

संस्कृति और परंपरा

हम भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति समर्पित है और आपको प्राचीनता, कला, साहित्य, और सांस्कृतिक विरासत को अनुभव करने का अवसर प्रदान करते है।

सामाजिक सेवाएं

हम सामाजिक सेवाओं को महत्व देते है और समुदाय के लिए निरंतर सेवा करने के लिए प्रेरित रहते है। यहां आप सामाजिक कार्यों में योगदान करके दुःखी और गरीबों की मदद कर सकते हैं।

धार्मिक शिक्षा एवं संस्कार

हम धार्मिक शिक्षा और संस्कार को महत्व देते है। यहां समय समय पर होने वाले कार्यक्रम में आकर आप वेद, पुराण, और धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करके अपने आचार और आदर्शों को संवार सकते हैं।

सांप्रदायिक एकता

हम सांप्रदायिक एकता को बढ़ावा देते है और सभी धर्मों के लोगों का स्वागत करते है। यहां हमने सामान्य मानवीयता, और सद्भावना की महत्वपूर्णता को स्थापित किया हैं।

साहित्यिक कार्यक्रम

हम साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करते है जिसमें आप धार्मिक पाठों, कविता वाचन, और साहित्यिक प्रस्तुतियों का आनंद ले सकते हैं।

मुख्य कार्यक्रम

श्री सप्तदेव मंदिर में आयोजित किये जाने वाले प्रमुख कार्यक्रम एवं समारोह।

श्री श्याम अखंड ज्योति

कार्तिक शुक्ल पक्ष बारस

Shri Shyam Mahotsav in Shri Saptdev Mandir

श्री श्याम अखंड ज्योति

फाल्गुन शुक्ल पक्ष बारस

Shri Shyam Mahotsav in Shri Saptdev Mandir

श्री राणी चरित मानस

संगीतमय भव्य मंगलपाठ नृत्य नाटिका के साथ।

Shri Saptdev Mandir

अन्य समारोह

वर्ष भर के अन्य अवसरों पर होने वाले कार्यक्रम।

श्री सप्तदेव मंदिर की स्थापना का इतिहास।

संपादक की कलम से

जिनके आर्शीवाद एवं प्रेरणा से कोरबा के हृदय स्थल पर अतिरमणीय एवं भव्य “श्री सप्तदेव मंदिर” का निर्माण किया गया है ऐसी महान विभूति है हमारे माता-पिता “श्रीमति सीता देवी मोदी एवं श्री किशनलाल जी मोदी” जो आज हमारे अंतःकरण में है जिन्होंने हमें एवं हमारे समस्त नगर वासियों को यह प्रेरणा दी कि मंदिर निर्माण से लोगों में चरित्र निर्माण के साथ साथ भक्ति, प्रेम, श्रद्धा एवं संस्कार का भी निर्माण होता है जो काल-कालांतर तक रहता है।

“मंदिर” जहाँ देवता निवास करते है एवं इस स्थान का वातावरण सदैव निर्मल, स्वच्छ एवं शुद्ध होता है। इस स्थान पर लोग अपने दुखों एवं कष्टों के निवारण के लिये आते है ऐसे पवित्र स्थान पर प्रवेश करते ही शीश स्वत: ही श्रद्धा से नतमस्तक हो जाता है, मन में पवित्र भाव का संचार होता है, वैमनस्थ की भावना समाप्त होती एवं सुख शांति का अनुभव होता है।

मंदिर के निर्माण से निश्चित ही इसके समक्ष से गुजरने वाला लगभग प्रत्येक व्यक्ति ईश्वर को प्रणाम कर गुजरता है साथ ही मंदिर के निर्माण से इस क्षेत्र का वातावरण भी धार्मिक बनता है। माता पिता जब बच्चो के साथ मंदिर आते है तो बच्चो मे अपने धर्म के प्रति, ईश्वर के प्रति आस्था जागृत होती है एवं वे संस्कारित होते है एवं संस्कारित बच्चो से संस्कारित समाज का निर्माण होगा एवं संस्कारित समाज देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

संस्थापक

जिनके आर्शीवाद एवं प्रेरणा से कोरबा के हृदय स्थल पर अतिरमणीय एवं भव्य “श्री सप्तदेव मंदिर” का निर्माण किया गया है…

स्व. किशनलाल मोदी जी

संस्थापक

स्व. सीता देवी मोदी जी

संस्थापक

Shri Ashok Modi
श्री अशोक मोदी

संस्थापक

श्री संजय मोदी

संस्थापक

श्री राजा मोदी

संस्थापक

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